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किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा प्रयोग में लिए जाने वाले कंप्यूटरों को पर्सनल कंप्यूटर (माइक्रो कंप्यूटर) कहा जाता है। वे सभी कंप्यूटर जो घर ऑफिस, तथा व्यवसाय में प्रयोग किए जाते हैं सभी माइक्रो कंप्यूटर होती है। पर्सनल कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं। एक पर्सनल कंप्यूटर डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, आदि के रूप में हो सकता है।
सिस्टम यूनिट को सिस्टम कैसिस भी कहा जाता है। यह एक कंटेनर जैसा होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तत्व होते है। किसी भी कंप्यूटर सिस्टम का निर्माण सिस्टम कैसिस द्वारा ही किया जाता है। सिस्टम यूनिट अलग-अलग कंप्यूटर के लिए अलग-अलग प्रकार की होती है इनका निर्माण निम्न प्रकार हैं।
सिस्टम बोर्ड को मदरबोर्ड भी कहते हैं। जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स से बना होता है। यह कंप्यूटर सिस्टम का कमांड केंद्र होता है जो कंप्यूटर से जुड़े प्रत्येक कंपोनेंट और उपकरण के साथ तालमेल बनाकर निर्देशों को प्रवाहित करता है। एक मदरबोर्ड आकार और प्रकार के अनुसार कई प्रकार के हो सकते हैं लेकिन इनमें कुछ कंपोनेंट सभी मदरबोर्डों पर होते हैं।
प्रोसेसर कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है जो कंप्यूटर सिस्टम को चलाता है। इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है ये है। कंप्यूटर सिस्टम की मुख्य केन्द्रीय प्रोसेसिंग यूनिट सीपीयू (CPU) होती है जो कंप्यूटर के प्रत्येक कंपोनेंट से संबंधित डेटा को प्रोसेस करता है प्रोसेसर की गति को मेगाहार्टज (Mhz) मैं मापा जाता है।
हाल ही में माइक्रोप्रोसेसर में दो महत्वपूर्ण विकास हुए हैं। इसमें 64 बिट प्रोसेसर और दूसरा मल्टी कोर प्रोसेसर चिप है। कुछ समय पहले तक 64 बिट प्रोसेसर का उपयोग केवल सुपर कंप्यूटर और मेनफ्रेम कंप्यूटर्स में ही किया जाता था। वर्तमान में 64 बिट प्रोसेसर का उपयोग अधिकांश डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटर्स में किया जाता है। मल्टीकोर चिप प्रोसेसर का दूसरा महत्वपूर्ण विकास है। इस प्रकार के प्रोसेसर में दो या दो से अधिक स्वतंत्र सीपीयू होते हैं इसके अलावा विशेष प्रकार की प्रोसेसिंग चिप का वर्णन निम्न प्रकार हैं।
कोप्रोसेसर (Coprocessor): कोप्रोसेसर एक विशेष प्रकार की चिप होती है जिसे विशेष कार्यों को संपन्न करने के लिए जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) के नाम से जाना जाता है। इसे मुख्यता 3डी ग्राफिक्स से संबंधित कार्यों के लिए डिजाइन किया गया है।
स्मार्ट कार्ड (Smart Card): स्मार्ट कार्ड एक सामान्य कार्ड के आकार का होता है जिसपर एक विशेष प्रकार की चिप होती है इसका प्रयोग उपयोग मुख्यत: पहचान के लिए किया जाता है।
आरएफआईडी टैग्स (RFID Tags): यह एक विशेष प्रकार की चिप होती है। जो जहाजों में लगे होते हैं जिससे उनके स्थान का पता चलता रहता है।
प्राइमरी मेमोरी चिप के रूप में इंटिग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit) द्वारा बनी हुई होती है। प्राइमरी मेमोरी निम्न प्रकार निम्न तीन प्रकार की होती है। एक रैंडम एक्सेस मेमोरी दूसरे रीड ओनली मेमोरी और तीसरी फ्लैश मेमोरी।
रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) को RAM के नाम से जाना जाता है। इसमें वे प्रोग्राम या डेटा स्टोर होते हैं जिन पर यूजर इस समय कार्य कर रहा होता है। यह मेमोरी डेटा को अस्थायी रूप से स्टोर करती है। इसलिए इसे बोलेटाईल मेमोरी भी कहा जाता है। यह मेमोरी सिस्टम में पाॅवर ऑन रहने तक ही सूचनाओं को स्टोर करके रख सकती है। कैश मेमोरी रैंडम एक्सेस मेमोरी और सीपीयू के माध्यम से होल्डिंग एरिया के रूप में कार्य करती है। कंप्यूटर पर कार्य करते समय जिस सूचना का अधिक प्रयोग किया जाता है उसे कैश में कॉपी कर लिया जाता है आवश्यकता होने पर सीपीयू कैश सूचना को तुरंत प्राप्त कर लेता है।
हार्ड डिस्क भी एक स्टोरेज डिवाइस है। इसे विन्चेस्टर डिस्क भी कहा जाता है। विन्चेस्टर डिस्क में भी प्लेटे लगी हुई होती हैं। जिनको एक केंद्रीय सॉफ्ट दुबारा घुमाया जाता है। हार्ड डिस्क प्लेट्स तथा डिस्क ड्राइव एक वायुरोधी डिब्बे में रखी होई होती है।
मॉनिटर को विज़ुअल डिस्प्ले यूनिट कहा जाता है जिसे एक केबल द्वारा मुख्य मशीन से जोड़ा जाता है। मॉनिटर स्क्रीन पर सूचनाओं को मेट्रिक्स के रूप में प्रदर्शित करता है। मॉनिटर स्क्रीन में 24 लाइनें तथा 80 कॉलम होते हैं। इसकी स्क्रीन पर फॉस्फोरस का लेप किया जाता है। एक दूसरा एल.सी.डी मॉनिटर होता है। एल.सी.डी (Liquid Crystal Display) मॉनीटर स्क्रीन में लिक्विड पदार्थ भरा होता है। इसका प्रयोग साधारण डेस्कटॉप कंप्यूटर में किया जाता है।
पॉवर सप्लाइ एक इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड होता है जो कंप्यूटर और उसके कोम्पोनेट्स को विधुत प्रदान करता है। यह प्राप्त होने वाली 220 बोल्ट को AC को DC में परिवर्तित करता है। यह अलग-अलग कॉम्पोनेंट्स को आवश्यकता अनुसार अलग-अलग वोल्ट में विधुत प्रदान करता है।
साउंड एडेप्टर और स्पीकर का प्रयोग ऑडियो-वीडियो को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। आज के पर्सनल कंप्यूटर सिस्टम में साउंड मदरबोर्ड पर चिप के रूप में पहले से ही लगा होता है।
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड एक हार्डवेयर कम्पोनेन्ट होता है जो कंप्यूटर तथा नेटवर्क के मध्य इंटरफेस का कार्य करता है। इसे कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर लगाया जाता है। नेटवर्क से आने वाली केबल इसी कार्ड में डाली जाती है। यह नेटवर्क को फिजिकल एड्रेस प्रदान करता है।
कम्यूनिकेशन पोर्ट का प्रयोग कंप्यूटर के साथ बाहरी उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है जैसे- प्रिंटर, मॉडेम, स्कैनर, स्पीकर, पेन ड्राइव आदि कम्यूनिकेशन पोर्ट कई प्रकार की होती है। अलग-अलग प्रकार की पोर्ट का अलग-अलग प्रकार उपकरणों के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए Serial Port का प्रयोग सामान्यतः मॉडेम, प्रिंटर आदि के लिए किया जाता है। जबकि Parallel Port का प्रयोग सामान्यतः प्रिंटर आदि के लिए किया जाता है USB Port एक बहुद्देशीय पोर्ट होती है।
पर्सनल कंप्यूटर कई प्रकार के लेआउट में होते हैं। इसलिए कंप्यूटर पैनल भी कंप्यूटर के अनुसार अलग-अलग होते हैं। यह केवल डेस्कटॉप कंप्यूटर पैनल के बारे में बताया गया है। डेस्कटॉप कंप्यूटर पैनल को दो भागों में विभाजित किया गया है । एक Front Panel और दूसरा Rear Panel होता है।
यह कंप्यूटर सिस्टम केस के सामने के पैनल में कई प्रकार के कंपोनेंट होते हैं। इसका बड़ा निम्न प्रकार हैं।
Power Switch: यह कंप्यूटर सिस्टम में पॉवर बटन होता है। इसका प्रयोग सिस्टम कंप्यूटर की पॉवर (विधुत) को ऑन और ऑफ करने के लिए किया जाता है।
Reset Button: यह कंप्यूटर सिस्टम का रीसेट बटन होता है। इसका प्रयोग करके आप कंप्यूटर सिस्टम को बन्द किए बिना उसे रिस्टार्ट कर सकते हैं। जब कंप्यूटर हैंग होकर कार्य करना बन्द कर देता है और किसी भी प्रकार की कमांड को स्वीकार नहीं करता तो आप इस बटन का प्रयोग करके उसे फिर से शुरू कर सकते हैं।
Power LED: यह सामान्यतः हरे रंग की एक छोटी सी लाइट होती है। जब कंप्यूटर को ऑन किया जाता है या वह ऑन अवस्था में रहता है तो यह लाइट जलती रहती है।
Hard Disk LED: यह सामान्यतः लाल रंग की होती है छोटी सी लाइट होती है। यह कंप्यूटर द्वारा हार्ड डिस्क को ऐक्सेस किया जाता है तो यह लाइट जलती है। यह समय-समय पर ऑन और ऑफ होती रहती है। जैसे-जैसे हार्ड डिस्क सक्रिय रहती है वैसे-वैसे यह लाइट जलती रहती हैं।
USB Port: यह (Universal Serial Bus) पोर्ट होती है। इसका प्रयोग USB से संबंधित सभी प्रकार के उपकरणों के लिए किया जाता है। यह पोर्ट पहले के कंप्यूटरों में सामने के पैनल में नहीं होती थी।
HeadphoneMic Port: यह एक ऑडियो पोर्ट है होती है। इसका प्रयोग सामान्यतः हेडफोन या माइक के लिए किया जाता है अतिरिक्त स्पीकर के लिए भी पोर्ट का प्रयोग कर सकते हैं।
CD-ROM Drive: कंप्यूटर सिस्टम का ऊपरी भाग होता है। इसमें आप CD-ROM या DVD ROM Drive लगा सकते है। कंप्यूटर सिस्टम में आप एक से अधिक सी डोम लगा सकते है।
कंप्यूटर सिस्टम केस में पीछे के पैनल में कई प्रकार के कंपोनेंट होते हैं। इसका वर्णन निम्न है।
Power Socket: यह कंप्यूटर सिस्टम की पॉवर सॉकेट होती है। इसके द्वारा कंप्यूटर सिस्टम में विधुत पहुंचाई जाती है। इसे 3 पिन वाली एक केबल द्वारा बिजली से जोड़ा जाता है।
PS/2 Port: यह कंप्यूटर की सिस्टम PS/2 पोर्ट होती है। इसका प्रयोग कीबोर्ड और माउस को कंप्यूटर सिस्टम से जोड़ने के लिए किया जाता है। यह पोर्ट दो अलग-अलग रंग की होती है। इसमें हरे रंग की पोर्ट का प्रयोग माउस के लिए और बैगनी रंग की पोर्ट का प्रयोग कीबोर्ड के लिए किया जाता है।
Serial Port: यह कंप्यूटर की सीरियल पोर्ट होती है। इसका प्रयोग सामान्यता: मोडम, प्रिंटर, पेन ड्राइव आदि के लिए किया जाता है।
VGA Port: यह कंप्यूटर की 15 की VGA पोर्ट होती है। इसका प्रयोग मॉनिटर को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है।
USB Port: यह है कंप्यूटर की USB (Universal Serial Bus) पोर्ट होती है। इसका प्रयोग कई प्रकार के बाहरी ही (प्रिंटर, स्कैनर, माउस, कीबोर्ड, पेन ड्राइव आदि) को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। सीरियल तथा परलेल पोर्ट की तुलना में USB पोर्ट की गति अधिक होती है। एक मदरबोर्ड में सामान्यतः दो या दो से आधे USB पोर्ट हो सकती है।
Audio Jack: यह कंप्यूटर की ऑडियो पोर्ट होती है। इसका प्रयोग ऑडियो स्पीकर या माइक्रोफोन के लिए किया जाता है। कुछ कंप्यूटरों में है मदरबोर्ड पर ही होती है लेकिन आप इसे अतिरिक्त कार्ड के रूप में भी लगा सकते हैं।
Ethernet Port: यह कंप्यूटर के लिए नेटवर्क होती पोर्ट है। इसका प्रयोग कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ने के लिए किया जाता है। इसमें RJ Ethernet केबल और RJ Connector का प्रयोग किया जाता है।
Modem: यह कंप्यूटर में मॉडम पोर्ट होती हैं। मॉडम का प्रयोग कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है। मॉडेम का कार्य ऐनलॉग डेटा को डिजिटल डेटा में और डिजिटल डेटा को ऐनालॉग डेटा में बदलना होता है। यदि आप अपने कंप्यूटर पर इंटरनेट एक्सेस करना चाहते हैं तो इसके लिए मॉडेम आवश्यकता होगी।
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