ऑक्सीकरण एवं अपचयन में अन्तर
ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है।
ऑक्सीकरण
ऑक्सीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ इलेक्ट्रॉन खो देता है। इससे पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ जाती है।
उदाहरण
- जब लोहे में जंग लगता है, तो लोहा ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके लोहे का ऑक्साइड बनाता है।
- 2Fe + O2 → 2FeO
अपचयन
अपचयन एक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर लेता है। इससे पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था घट जाती है।
उदाहरण
- जब कॉपर ऑक्साइड को हाइड्रोजन गैस के साथ गरम किया जाता है, तो कॉपर ऑक्साइड अपचित होकर कॉपर में बदल जाता है।
- CuO + H2 → Cu + H2O
मुख्य अंतर
- ऑक्सीकरण में इलेक्ट्रॉनों की
ऑक्सीकरण और अपचयन दोनों रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनों का स्थानांतरण होता है।
ऑक्सीकरण
ऑक्सीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ इलेक्ट्रॉन खो देता है। इससे पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ जाती है।
उदाहरण
- जब लोहे में जंग लगता है, तो लोहा ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके लोहे का ऑक्साइड बनाता है।
- 2Fe + O2 → 2FeO
अपचयन
अपचयन एक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ इलेक्ट्रॉन प्राप्त कर लेता है। इससे पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था घट जाती है।
उदाहरण
- जब कॉपर ऑक्साइड को हाइड्रोजन गैस के साथ गरम किया जाता है, तो कॉपर ऑक्साइड अपचित होकर कॉपर में बदल जाता है।
- CuO + H2 → Cu + H2O
मुख्य अंतर
- ऑक्सीकरण में इलेक्ट्रॉनों की हानि होती है, जबकि अपचयन में इलेक्ट्रॉनों की प्राप्ति होती है।
- ऑक्सीकरण में पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ती है, जबकि अपचयन में घटती है।
ऑक्सीकरण और अपचयन हमेशा साथ-साथ होते हैं और इन्हें ऑक्सीकरण-अपचयन अभिक्रिया या रेडॉक्स अभिक्रिया कहा जाता है।