Desktop Publishing
डीटीपी का अर्थ डेस्कटॉप पब्लिशिंग होता है। जिसका शाब्दिक अर्थ प्रिंट की जाने वाली सामग्री को अपनी मेज पर तैयार करना होता ह। इसके लिए कंप्यूटर और उससे जुड़े हुए उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रणाली में टेक्स्ट, चित्र आदि को कंपोज करके उन्हें अलग-अलग पेजों पर सैट किया जाता है। अंत में प्रिंट की जाने वाली सामग्री को तैयार करने के बाद प्रिंटर की सहायता से उसका प्रिंट निकाल सकते हैं। प्रिंट की जाने वाली सामग्री की अधिक मात्रा में कॉपी निकालने के लिए ऑफसेट जैसी प्रिंटिंग मशीन का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए पहले मास्टर पेजेज (फिल्म, नेगेटिव आदि) तैयार किए जाते हैं।
प्रकाशन का कार्य पहले के समय में हस्तचलित मशीनों द्वारा किया जाता था लेकिन आज यह कार्य कंप्यूटर और ऑफसेट जैसी प्रिंटिंग मशीन की सहायता से किया जाता है। प्रकाशन सामग्री को डीडीपी द्वारा आसानी से और मनचाहे आकार में तैयार कर उसे किसी भी फाॅण्ट या रंग में बदल सकते हैं। इसमें आप चित्र या डायग्राम को मनचाहे रंगों में तैयार करके उसे दस्तावेज में कहीं पर भी लगा सकते हैं। यह सारा कार्य आप बिना किसी अतिरिक्त सामग्री के केवल कंप्यूटर द्वारा अपने घर बैठे ही पूर्ण कर सकते हैं। कंप्यूटर और डीडीटी सॉफ्टवेयर होने से प्रकाशन का कार्य बहुत ही सरल और तेज हो जाता है हो गया है जिसके कारण आप मोटी-मोटी पुस्तकें भी कुछ ही समय में तैयार कर सकते हैं।
डीटीपी का कार्य करने के लिए मुख्यतः तीन वस्तुओं की आवश्यकता होती हैं। एक पर्सनल कंप्यूटर, दूसरा प्रिंटर और तीसरा डीटीपी भी सॉफ्टवेयर। इसमें पर्सनल कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर का प्रयोग प्रकाशन सामग्री को तैयार करने के लिए किया जाता है। जबकि प्रिंटर का प्रयोग तैयार की गई सामग्री का प्रिंट निकालने के लिए किया जाता है। डीटीपी कार्य के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर अच्छी तकनीक का होना चाहिए जिससे कार्य को आसानी और कम समय में पूर्ण किया जा सक। प्रिंट निकालने के लिए प्रिंटर अच्छी तकनीक और गुणवत्ता का होना चाहिए। प्रकाशन सामग्री को तैयार करने के लिए डीटीपी से संबंधित सॉफ्टवेयर (जैसे पेजमेकर, कोरल ड्रॉ, और फोटोशॉप) आदि का प्रयोग करें। इसके लिए आप किसी भी किसी अन्य वर्ड प्रोसेसर आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। आज प्रकाशन के क्षेत्र में कोरल ड्रा सॉफ्टवेयर का सबसे अधिक उपयोग किया किया जा रहा हैं।
आज डीटीपी की सुविधा हो जाने के कारण प्रकाशन का कार्य बहुत ही सरल और रुचिकर हो गया है। इसके द्वारा छापी जाने वाली सामग्री पर हमारा पूर्ण नियंत्रण रहता है। इसमें हम पाठ्य को मनचाहे आकार और रंगों में डाल सकते हैं और उसे किसी भी स्थान पर स्थापित कर सकते हैं। इसमें किसी अतिरिक्त डिवाइस (जैसे- स्कैनर फोटोग्राफी या वेब कैमरा) द्वारा किसी भी प्रकार के चित्र को इम्पोर्ट करके उसे दस्तावेज के किसी भी भाग में स्थापित कर सकते हैं। वैसे तो आप डीटीपी से संबंधित कार्य किसी भी वर्ड प्रोसेसर, पेन्ट ड्राईग प्रोग्राम का प्रयोग करके कर सकते हैं। लेकिन उच्च स्तरीय प्रकाशन तैयार करने के लिए विशेष प्रकार के डीटीपी सॉफ्टवेयरों का प्रयोग करें। आज कई प्रकार के डीटीपी सॉफ्टवेयर प्रचलित हैं लेकिन इस पोस्ट में केवल पेजमेकर कोरल ड्रॉ और फोटोशॉप को ही वर्णित किया गया है।